Quran Hindi TranslationSurah Al LaylTranslation by Mufti Mohammad Mohiuddin Khan |
| 1 |
وَاللَّيْلِ إِذَا يَغْشَى रात की क़सम जब (सूरज को) छिपा ले |
| 2 |
وَالنَّهَارِ إِذَا تَجَلَّى और दिन की क़सम जब ख़ूब रौशन हो |
| 3 |
وَمَا خَلَقَ الذَّكَرَ وَالْأُنْثَى और उस (ज़ात) की जिसने नर व मादा को पैदा किया |
| 4 |
إِنَّ سَعْيَكُمْ لَشَتَّى कि बेशक तुम्हारी कोशिश तरह तरह की है |
| 5 |
فَأَمَّا مَنْ أَعْطَى وَاتَّقَى तो जिसने सख़ावत की |
| 6 |
وَصَدَّقَ بِالْحُسْنَى और अच्छी बात (इस्लाम) की तस्दीक़ की |
| 7 |
فَسَنُيَسِّرُهُ لِلْيُسْرَى तो हम उसके लिए राहत व आसानी (जन्नत) के असबाब मुहय्या कर देंगे |
| 8 |
وَأَمَّا مَنْ بَخِلَ وَاسْتَغْنَى और जिसने बुख्ल किया, और बेपरवाई की |
| 9 |
وَكَذَّبَ بِالْحُسْنَى और अच्छी बात को झुठलाया |
| 10 |
فَسَنُيَسِّرُهُ لِلْعُسْرَى तो हम उसे सख्ती (जहन्नुम) में पहुँचा देंगे, |
| 11 |
وَمَا يُغْنِي عَنْهُ مَالُهُ إِذَا تَرَدَّى और जब वह हलाक होगा तो उसका माल उसके कुछ भी काम न आएगा |
| 12 |
إِنَّ عَلَيْنَا لَلْهُدَى हमें राह दिखा देना ज़रूर है |
| 13 |
وَإِنَّ لَنَا لَلْآخِرَةَ وَالْأُولَى और आख़ेरत और दुनिया (दोनों) ख़ास हमारी चीज़े हैं |
| 14 |
فَأَنْذَرْتُكُمْ نَارًا تَلَظَّى तो हमने तुम्हें भड़कती हुई आग से डरा दिया |
| 15 |
لَا يَصْلَاهَا إِلَّا الْأَشْقَى उसमें बस वही दाख़िल होगा जो बड़ा बदबख्त है |
| 16 |
الَّذِي كَذَّبَ وَتَوَلَّى जिसने झुठलाया और मुँह फेर लिया |
| 17 |
وَسَيُجَنَّبُهَا الْأَتْقَى और जो बड़ा परहेज़गार है वह उससे बचा लिया जाएगा |
| 18 |
الَّذِي يُؤْتِي مَالَهُ يَتَزَكَّى जो अपना माल (ख़ुदा की राह) में देता है ताकि पाक हो जाए |
| 19 |
وَمَا لِأَحَدٍ عِنْدَهُ مِنْ نِعْمَةٍ تُجْزَى और लुत्फ ये है कि किसी का उस पर कोई एहसान नहीं जिसका उसे बदला दिया जाता है |
| 20 |
إِلَّا ابْتِغَاءَ وَجْهِ رَبِّهِ الْأَعْلَى बल्कि (वह तो) सिर्फ अपने आलीशान परवरदिगार की ख़ुशनूदी हासिल करने के लिए (देता है) |
| 21 |
وَلَسَوْفَ يَرْضَى और वह अनक़रीब भी ख़ुश हो जाएगा ********* |
|
© Copy Rights: Zahid Javed Rana, Abid Javed Rana, Lahore, Pakistan Email: cmaj37@gmail.com |
Visits wef June 2024 |