Quran Hindi Translation

Surah Al Jumu'ah

Translation by Mufti Mohammad Mohiuddin Khan



In the name of Allah, Most Gracious,Most Merciful


1

يُسَبِّحُ لِلَّهِ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ

जो चीज़ आसमानों में है और जो चीज़ ज़मीन में है (सब) ख़ुदा की तस्बीह करती हैं

الْمَلِكِ الْقُدُّوسِ الْعَزِيزِ الْحَكِيمِ

जो (हक़ीक़ी) बादशाह पाक ज़ात ग़ालिब हिकमत वाला है

2

هُوَ الَّذِي بَعَثَ فِي الْأُمِّيِّينَ رَسُولًا مِنْهُمْ

वही तो जिसने जाहिलों में उन्हीं में का एक रसूल (मोहम्मद) भेजा

يَتْلُو عَلَيْهِمْ آيَاتِهِ وَيُزَكِّيهِمْ وَيُعَلِّمُهُمُ الْكِتَابَ وَالْحِكْمَةَ

जो उनके सामने उसकी आयतें पढ़ते और उनको पाक करते और उनको किताब और अक्ल की बातें सिखाते हैं

وَإِنْ كَانُوا مِنْ قَبْلُ لَفِي ضَلَالٍ مُبِينٍ

अगरचे इसके पहले तो ये लोग सरीही गुमराही में (पड़े हुए) थे

3

وَآخَرِينَ مِنْهُمْ لَمَّا يَلْحَقُوا بِهِمْ ۚ

और उनमें से उन लोगों की तरफ़ (भेजा) जो अभी तक उनसे मुलहिक़ नहीं हुए

وَهُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ

और वह तो ग़ालिब हिकमत वाला है

4

ذَلِكَ فَضْلُ اللَّهِ يُؤْتِيهِ مَنْ يَشَاءُ ۚ

ख़ुदा का फज़ल है जिसको चाहता है अता फरमाता है

وَاللَّهُ ذُو الْفَضْلِ الْعَظِيمِ

और ख़ुदा तो बड़े फज़ल (व करम) का मालिक है

5

مَثَلُ الَّذِينَ حُمِّلُوا التَّوْرَاةَ ثُمَّ لَمْ يَحْمِلُوهَا كَمَثَلِ الْحِمَارِ يَحْمِلُ أَسْفَارًا ۚ

जिन लोगों (के सरों) पर तौरेत लदवायी गयी है उन्होने उस (के बार) को न उठाया उनकी मिसाल गधे की सी है जिस पर बड़ी बड़ी किताबें लदी हों

بِئْسَ مَثَلُ الْقَوْمِ الَّذِينَ كَذَّبُوا بِآيَاتِ اللَّهِ ۚ

जिन लोगों ने ख़ुदा की आयतों को झुठलाया उनकी भी क्या बुरी मिसाल है

وَاللَّهُ لَا يَهْدِي الْقَوْمَ الظَّالِمِينَ

और ख़ुदा ज़ालिम लोगों को मंज़िल मकसूद तक नहीं पहुँचाया करता

6

قُلْ يَا أَيُّهَا الَّذِينَ هَادُوا إِنْ زَعَمْتُمْ أَنَّكُمْ أَوْلِيَاءُ لِلَّهِ مِنْ دُونِ النَّاسِ

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ यहूदियों अगर तुम ये ख्याल करते हो कि तुम ही ख़ुदा के दोस्त हो और लोग नहीं

فَتَمَنَّوُا الْمَوْتَ إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ

तो अगर तुम (अपने दावे में) सच्चे हो तो मौत की तमन्ना करो

7

وَلَا يَتَمَنَّوْنَهُ أَبَدًا بِمَا قَدَّمَتْ أَيْدِيهِمْ ۚ

और ये लोग उन आमाल के सबब जो ये पहले कर चुके हैं कभी उसकी आरज़ू न करेंगे

وَاللَّهُ عَلِيمٌ بِالظَّالِمِينَ

और ख़ुदा तो ज़ालिमों को जानता है  

8

قُلْ إِنَّ الْمَوْتَ الَّذِي تَفِرُّونَ مِنْهُ فَإِنَّهُ مُلَاقِيكُمْ ۖ

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मौत जिससे तुम लोग भागते हो वह तो ज़रूर तुम्हारे सामने आएगी

ثُمَّ تُرَدُّونَ إِلَى عَالِمِ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ فَيُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ

फिर तुम पोशीदा और ज़ाहिर के जानने वाले (ख़ुदा) की तरफ लौटा दिए जाओगे

फिर जो कुछ भी तुम करते थे वह तुम्हें बता देगा

9

يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِذَا نُودِيَ لِلصَّلَاةِ مِنْ يَوْمِ الْجُمُعَةِ  فَاسْعَوْا إِلَى ذِكْرِ اللَّهِ وَذَرُوا الْبَيْعَ ۚ

ऐ ईमानदारों जब जुमा का दिन नमाज़ (जुमा) के लिए अज़ान दी जाए तो ख़ुदा की याद (नमाज़) की तरफ दौड़ पड़ो और (ख़रीद) व फरोख्त छोड़ दो

ذَلِكُمْ خَيْرٌ لَكُمْ إِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُونَ

अगर तुम समझते हो तो यही तुम्हारे हक़ में बेहतर है

10

فَإِذَا قُضِيَتِ الصَّلَاةُ فَانْتَشِرُوا فِي الْأَرْضِ وَابْتَغُوا مِنْ فَضْلِ اللَّهِ

फिर जब नमाज़ हो चुके तो ज़मीन में (जहाँ चाहो) जाओ और ख़ुदा के फज़ल (अपनी रोज़ी) की तलाश करो

وَاذْكُرُوا اللَّهَ كَثِيرًا لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُونَ

और ख़ुदा को बहुत याद करते रहो ताकि तुम दिली मुरादें पाओ

11

وَإِذَا رَأَوْا تِجَارَةً أَوْ لَهْوًا انْفَضُّوا إِلَيْهَا وَتَرَكُوكَ قَائِمًا ۚ

और (उनकी हालत तो ये है कि) जब ये लोग सौदा बिकता या तमाशा होता देखें तो उसकी तरफ टूट पड़े और तुमको खड़ा हुआ छोड़ दें

قُلْ مَا عِنْدَ اللَّهِ خَيْرٌ مِنَ اللَّهْوِ وَمِنَ التِّجَارَةِ ۚ

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि जो चीज़ ख़ुदा के यहाँ है वह तमाशे और सौदे से कहीं बेहतर है

وَاللَّهُ خَيْرُ الرَّازِقِينَ

और ख़ुदा सबसे बेहतर रिज्क़ देने वाला है

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Zahid Javed Rana, Abid Javed Rana,

Lahore, Pakistan

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