Quran Hindi Translation

Surah Al Saff

Translation by Mufti Mohammad Mohiuddin Khan



In the name of Allah, Most Gracious,Most Merciful


1

سَبَّحَ لِلَّهِ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۖ

जो चीज़े आसमानों में है और जो चीज़े ज़मीन में हैं (सब) ख़ुदा की तस्बीह करती हैं

وَهُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ

और वह ग़ालिब हिकमत वाला है

2

يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا لِمَ تَقُولُونَ مَا لَا تَفْعَلُونَ

ऐ ईमानदारों तुम ऐसी बातें क्यों कहा करते हो जो किया नहीं करते

3

كَبُرَ مَقْتًا عِنْدَ اللَّهِ أَنْ تَقُولُوا مَا لَا تَفْعَلُونَ

ख़ुदा के नज़दीक ये ग़ज़ब की बात है कि तुम ऐसी बात कहो जो करो नहीं

4

إِنَّ اللَّهَ يُحِبُّ الَّذِينَ يُقَاتِلُونَ فِي سَبِيلِهِ صَفًّا كَأَنَّهُمْ بُنْيَانٌ مَرْصُوصٌ

ख़ुदा तो उन लोगों से उलफ़त रखता है जो उसकी राह में इस तरह परा बाँध के लड़ते हैं कि गोया वह सीसा पिलाई हुई दीवारें हैं

5

وَإِذْ قَالَ مُوسَى لِقَوْمِهِ يَا قَوْمِ لِمَ تُؤْذُونَنِي وَقَدْ تَعْلَمُونَ أَنِّي رَسُولُ اللَّهِ إِلَيْكُمْ ۖ

और जब मूसा ने अपनी क़ौम से कहा कि

भाइयों तुम मुझे क्यों अज़ीयत देते हो हालॉकि तुम तो जानते हो कि मैं तुम्हारे पास ख़ुदा का (भेजा हुआ) रसूल हूँ

فَلَمَّا زَاغُوا أَزَاغَ اللَّهُ قُلُوبَهُمْ ۚ

तो जब वह टेढ़े हुए तो ख़ुदा ने भी उनके दिलों को टेढ़ा ही रहने दिया

وَاللَّهُ لَا يَهْدِي الْقَوْمَ الْفَاسِقِينَ

और ख़ुदा बदकार लोगों को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता

6

وَإِذْ قَالَ عِيسَى ابْنُ مَرْيَمَ يَا بَنِي إِسْرَائِيلَ إِنِّي رَسُولُ اللَّهِ إِلَيْكُمْ مُصَدِّقًا لِمَا بَيْنَ يَدَيَّ مِنَ التَّوْرَاةِ

और (याद करो) जब मरियम के बेटे ईसा ने कहा

ऐ बनी इसराइल मैं तुम्हारे पास ख़ुदा का भेजा हुआ (आया) हूँ (और जो किताब तौरेत मेरे सामने मौजूद है उसकी तसदीक़ करता हूँ

وَمُبَشِّرًا بِرَسُولٍ يَأْتِي مِنْ بَعْدِي اسْمُهُ أَحْمَدُ ۖ

और एक पैग़म्बर जिनका नाम अहमद होगा (और) मेरे बाद आएँगे उनकी ख़ुशख़बरी सुनाता हूँ

فَلَمَّا جَاءَهُمْ بِالْبَيِّنَاتِ قَالُوا هَذَا سِحْرٌ مُبِينٌ

जो जब वह (पैग़म्बर अहमद) उनके पास वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आया तो कहने लगे ये तो खुला हुआ जादू है

7

وَمَنْ أَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرَى عَلَى اللَّهِ الْكَذِبَ وَهُوَ يُدْعَى إِلَى الْإِسْلَامِ ۚ

और जो शख़्श इस्लाम की तरफ बुलाया जाए (और) वह कुबूल के बदले उलटा ख़ुदा पर झूठ (तूफान) जोड़े उससे बढ़ कर ज़ालिम और कौन होगा

وَاللَّهُ لَا يَهْدِي الْقَوْمَ الظَّالِمِينَ

और ख़ुदा ज़ालिम लोगों को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता  

8

يُرِيدُونَ لِيُطْفِئُوا نُورَ اللَّهِ بِأَفْوَاهِهِمْ وَاللَّهُ مُتِمُّ نُورِهِ وَلَوْ كَرِهَ الْكَافِرُونَ

ये लोग अपने मुँह से (फूँक मारकर) ख़ुदा के नूर को बुझाना चाहते हैं

हालॉकि ख़ुदा अपने नूर को पूरा करके रहेगा अगरचे कुफ्फ़ार बुरा ही (क्यों न) मानें

9

هُوَ الَّذِي أَرْسَلَ رَسُولَهُ بِالْهُدَى وَدِينِ الْحَقِّ لِيُظْهِرَهُ عَلَى الدِّينِ كُلِّهِ وَلَوْ كَرِهَ الْمُشْرِكُونَ

वह वही है जिसने अपने रसूल को हिदायत और सच्चे दीन के साथ भेजा

ताकि उसे और तमाम दीनों पर ग़ालिब करे अगरचे मुशरेकीन बुरा ही (क्यों न) माने

10

يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا هَلْ أَدُلُّكُمْ عَلَى تِجَارَةٍ تُنْجِيكُمْ مِنْ عَذَابٍ أَلِيمٍ

ऐ ईमानदारों क्या मैं नहीं ऐसी तिजारत बता दूँ जो तुमको (आख़ेरत के) दर्दनाक अज़ाब से निजात दे

11

تُؤْمِنُونَ بِاللَّهِ وَرَسُولِهِ وَتُجَاهِدُونَ فِي سَبِيلِ اللَّهِ بِأَمْوَالِكُمْ وَأَنْفُسِكُمْ ۚ

(वह ये है कि) ख़ुदा और उसके रसूल पर ईमान लाओ और अपने माल व जान से ख़ुदा की राह में जेहाद करो

ذَلِكُمْ خَيْرٌ لَكُمْ إِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُونَ

अगर तुम समझो तो यही तुम्हारे हक़ में बेहतर है

12

يَغْفِرْ لَكُمْ ذُنُوبَكُمْ وَيُدْخِلْكُمْ جَنَّاتٍ تَجْرِي مِنْ تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ وَمَسَاكِنَ طَيِّبَةً فِي جَنَّاتِ عَدْنٍ ۚ

(ऐसा करोगे) तो वह भी इसके ऐवज़ में तुम्हारे गुनाह बख्श देगा और तुम्हें उन बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी हैं

और पाकीजा मकानात में (जगह देगा) जो जावेदानी बेहिश्त में हैं

ذَلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ

यही तो बड़ी कामयाबी है

13

وَأُخْرَى تُحِبُّونَهَا ۖ نَصْرٌ مِنَ اللَّهِ وَفَتْحٌ قَرِيبٌ ۗ وَبَشِّرِ الْمُؤْمِنِينَ

और एक चीज़ जिसके तुम दिल दादा हो (यानि तुमको) ख़ुदा की तरफ से मदद मिलेगी और अनक़रीब फतेह (होगी)

और (ऐ रसूल) मोमिनीन को ख़ुशख़बरी (इसकी) दे दो

14

يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا كُونُوا أَنْصَارَ اللَّهِ كَمَا قَالَ عِيسَى ابْنُ مَرْيَمَ لِلْحَوَارِيِّينَ مَنْ أَنْصَارِي إِلَى اللَّهِ ۖ

ऐ ईमानदारों ख़ुदा के मददगार बन जाओ

जिस तरह मरियम के बेटे ईसा ने हवारियों से कहा था कि (भला) ख़ुदा की तरफ (बुलाने में) मेरे मददगार कौन लोग हैं

قَالَ الْحَوَارِيُّونَ نَحْنُ أَنْصَارُ اللَّهِ ۖ

तो हवारीन बोल उठे थे कि हम ख़ुदा के अनसार हैं

فَآمَنَتْ طَائِفَةٌ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَكَفَرَتْ طَائِفَةٌ ۖ

तो बनी इसराईल में से एक गिरोह (उन पर) ईमान लाया और एक गिरोह काफिर रहा,

فَأَيَّدْنَا الَّذِينَ آمَنُوا عَلَى عَدُوِّهِمْ فَأَصْبَحُوا ظَاهِرِينَ

तो जो लोग ईमान लाए हमने उनको उनके दुशमनों के मुक़ाबले में मदद दी तो आख़िर वही ग़ालिब रहे

*********


© Copy Rights:

Zahid Javed Rana, Abid Javed Rana,

Lahore, Pakistan

Email: cmaj37@gmail.com

Visits wef June 2024