Quran Hindi TranslationSurah Al TaghabunTranslation by Mufti Mohammad Mohiuddin Khan |
1 |
يُسَبِّحُ لِلَّهِ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۖ जो चीज़ आसमानों में है और जो चीज़ ज़मीन में है (सब) ख़ुदा ही की तस्बीह करती है उसी की बादशाहत है لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ ۖ और तारीफ़ उसी के लिए सज़ावार है وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ और वही हर चीज़ पर कादिर है |
2 |
هُوَ الَّذِي خَلَقَكُمْ فَمِنْكُمْ كَافِرٌ وَمِنْكُمْ مُؤْمِنٌ ۚ वही तो है जिसने तुम लोगों को पैदा किया कोई तुममें काफ़िर है और कोई मोमिन وَاللَّهُ بِمَا تَعْمَلُونَ بَصِيرٌ और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उसको देख रहा है |
3 |
خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ بِالْحَقِّ وَصَوَّرَكُمْ فَأَحْسَنَ صُوَرَكُمْ ۖ उसी ने सारे आसमान व ज़मीन को हिकमत व मसलेहत से पैदा किया और उसी ने तुम्हारी सूरतें बनायीं तो सबसे अच्छी सूरतें बनायीं وَإِلَيْهِ الْمَصِيرُ और उसी की तरफ लौटकर जाना हैं |
4 |
يَعْلَمُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَيَعْلَمُ مَا تُسِرُّونَ وَمَا تُعْلِنُونَ ۚ जो कुछ सारे आसमान व ज़मीन में है वह (सब) जानता है और जो कुछ तुम छुपा कर या खुल्लम खुल्ला करते हो उससे (भी) वाकिफ़ है وَاللَّهُ عَلِيمٌ بِذَاتِ الصُّدُورِ और ख़ुदा तो दिल के भेद तक से आगाह है |
5 |
أَلَمْ يَأْتِكُمْ نَبَأُ الَّذِينَ كَفَرُوا مِنْ قَبْلُ क्या तुम्हें उनकी ख़बर नहीं पहुँची जिन्होंने (तुम से) पहले कुफ़्र किया فَذَاقُوا وَبَالَ أَمْرِهِمْ وَلَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ तो उन्होने अपने काम की सज़ा का (दुनिया में) मज़ा चखा और (आख़िरत में तो) उनके लिए दर्दनाक अज़ाब है |
6 |
ذَلِكَ بِأَنَّهُ كَانَتْ تَأْتِيهِمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَيِّنَاتِ فَقَالُوا أَبَشَرٌ يَهْدُونَنَا ये इस वजह से कि उनके पास पैग़म्बर वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आ चुके थे तो कहने लगे कि क्या आदमी हमारे हादी बनेंगें فَكَفَرُوا وَتَوَلَّوْا ۚ ग़रज़ ये लोग काफ़िर हो बैठे और मुँह फेर बैठे وَاسْتَغْنَى اللَّهُ ۚ और ख़ुदा ने भी (उनकी) परवाह न की وَاللَّهُ غَنِيٌّ حَمِيدٌ और ख़ुदा तो बे परवा सज़ावारे हम्द है |
7 |
زَعَمَ الَّذِينَ كَفَرُوا أَنْ لَنْ يُبْعَثُوا ۚ काफ़िरों का ख्याल ये है कि ये लोग दोबारा न उठाए जाएँगे قُلْ بَلَى وَرَبِّي لَتُبْعَثُنَّ ثُمَّ لَتُنَبَّؤُنَّ بِمَا عَمِلْتُمْ ۚ (ऐ रसूल) तुम कह दो वहाँ अपने परवरदिगार की क़सम तुम ज़रूर उठाए जाओगे फिर जो जो काम तुम करते रहे वह तुम्हें बता देगा وَذَلِكَ عَلَى اللَّهِ يَسِيرٌ और ये तो ख़ुदा पर आसान है |
8 |
فَآمِنُوا بِاللَّهِ وَرَسُولِهِ وَالنُّورِ الَّذِي أَنْزَلْنَا ۚ तो तुम ख़ुदा और उसके रसूल पर उसी नूर पर ईमान लाओ जिसको हमने नाज़िल किया है وَاللَّهُ بِمَا تَعْمَلُونَ خَبِيرٌ और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़बरदार है |
9 |
يَوْمَ يَجْمَعُكُمْ لِيَوْمِ الْجَمْعِ ۖ जब वह क़यामत के दिन तुम सबको जमा करेगा ذَلِكَ يَوْمُ التَّغَابُنِ ۗ फिर यही हार जीत का दिन होगा وَمَنْ يُؤْمِنْ بِاللَّهِ وَيَعْمَلْ صَالِحًا يُكَفِّرْ عَنْهُ سَيِّئَاتِهِ और जो शख़्श ख़ुदा पर ईमान लाए और अच्छा काम करे वह उससे उसकी बुराइयाँ दूर कर देगा وَيُدْخِلْهُ جَنَّاتٍ تَجْرِي مِنْ تَحْتِهَا الْأَنْهَارُخَالِدِينَ فِيهَا أَبَدًا ۚ और उसको (बेहिश्त में) उन बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी हैं वह उनमें अबादुल आबाद हमेशा रहेगा, ذَلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ यही तो बड़ी कामयाबी है |
10 |
وَالَّذِينَ كَفَرُوا وَكَذَّبُوا بِآيَاتِنَا أُولَئِكَ أَصْحَابُ النَّارِخَالِدِينَ فِيهَا ۖ और जो लोग काफ़िर हैं और हमारी आयतों को झुठलाते रहे यही लोग जहन्नुमी हैं कि हमेशा उसी में रहेंगे وَبِئْسَ الْمَصِيرُ और वह क्या बुरा ठिकाना है |
11 |
مَا أَصَابَ مِنْ مُصِيبَةٍ إِلَّا بِإِذْنِ اللَّهِ ۗ जब कोई मुसीबत आती है तो ख़ुदा के इज़न से وَمَنْ يُؤْمِنْ بِاللَّهِ يَهْدِ قَلْبَهُ ۚ और जो शख़्श ख़ुदा पर ईमान लाता है तो ख़ुदा उसके कल्ब की हिदायत करता है وَاللَّهُ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيمٌ और ख़ुदा हर चीज़ से ख़ूब आगाह है |
12 |
وَأَطِيعُوا اللَّهَ وَأَطِيعُوا الرَّسُولَ ۚ और ख़ुदा की इताअत करो और रसूल की इताअत करो فَإِنْ تَوَلَّيْتُمْ فَإِنَّمَا عَلَى رَسُولِنَا الْبَلَاغُ الْمُبِينُ फिर अगर तुमने मुँह फेरा तो हमारे रसूल पर सिर्फ पैग़ाम का वाज़ेए करके पहुँचा देना फर्ज़ है |
13 |
اللَّهُ لَا إِلَهَ إِلَّا هُوَ ۚ ख़ुदा (वह है कि) उसके सिवा कोई माबूद नहीं وَعَلَى اللَّهِ فَلْيَتَوَكَّلِ الْمُؤْمِنُونَ और मोमिनो को ख़ुदा ही पर भरोसा करना चाहिए |
14 |
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِنَّ مِنْ أَزْوَاجِكُمْ وَأَوْلَادِكُمْ عَدُوًّا لَكُمْ فَاحْذَرُوهُمْ ۚ ऐ ईमानदारों तुम्हारी बीवियों और तुम्हारी औलाद में से बाज़ तुम्हारे दुशमन हैं तो तुम उनसे बचे रहो وَإِنْ تَعْفُوا وَتَصْفَحُوا وَتَغْفِرُوا فَإِنَّ اللَّهَ غَفُورٌ رَحِيمٌ और अगर तुम माफ कर दो दरगुज़र करो और बख्श दो तो ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
15 |
إِنَّمَا أَمْوَالُكُمْ وَأَوْلَادُكُمْ فِتْنَةٌ ۚ तुम्हारे माल और तुम्हारी औलादे बस आज़माइश है وَاللَّهُ عِنْدَهُ أَجْرٌ عَظِيمٌ और ख़ुदा के यहाँ तो बड़ा अज्र (मौजूद) है |
16 |
فَاتَّقُوا اللَّهَ مَا اسْتَطَعْتُمْ وَاسْمَعُوا وَأَطِيعُوا وَأَنْفِقُوا خَيْرًا لِأَنْفُسِكُمْ ۗ तो जहाँ तक तुम से हो सके ख़ुदा से डरते रहो और (उसके एहकाम) सुनो और मानों और अपनी बेहतरी के वास्ते (उसकी राह में) ख़र्च करो وَمَنْ يُوقَ شُحَّ نَفْسِهِ فَأُولَئِكَ هُمُ الْمُفْلِحُونَ और जो शख़्श अपने नफ्स की हिरस से बचा लिया गया तो ऐसे ही लोग मुरादें पाने वाले हैं |
17 |
إِنْ تُقْرِضُوا اللَّهَ قَرْضًا حَسَنًا يُضَاعِفْهُ لَكُمْ وَيَغْفِرْ لَكُمْ ۚ अगर तुम ख़ुदा को कर्जे हसना दोगे तो वह उसको तुम्हारे वास्ते दूना कर देगा और तुमको बख्श देगा وَاللَّهُ شَكُورٌ حَلِيمٌ और ख़ुदा तो बड़ा क़द्रदान व बुर्दबार है |
18 |
عَالِمُ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ पोशीदा और ज़ाहिर का जानने वाला ग़ालिब हिकमत वाला है ********* |
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