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1. |
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं सुबह के मालिक की |
2. |
हर चीज़ की बुराई से जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ |
3. |
और अंधेरीरात की बुराई से जब उसका अंधेरा छा जाए |
4. |
और गन्डों पर फूँकने वालियों की बुराई से |
5. |
(जब फूँके) और हसद करने वाले की बुराई से ********* |
© Copy Rights:Zahid Javed Rana, Abid Javed Rana,Lahore, Pakistan |
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