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1. |
भला तुमको ढाँप लेने वाली मुसीबत (क़यामत) का हाल मालुम हुआ है |
2. |
उस दिन बहुत से चेहरे ज़लील रूसवा होंगे |
3. |
(तौक़ व जंज़ीर से) मयक्क़त करने वाले |
4. |
थके माँदे दहकती हुई आग में दाखिल होंगे |
5. |
उन्हें एक खौलते हुए चशमें का पानी पिलाया जाएगा |
6. |
ख़ारदार झाड़ी के सिवा उनके लिए कोई खाना नहीं |
7. |
जो मोटाई पैदा करे न भूख में कुछ काम आएगा |
8. |
(और) बहुत से चेहरे उस दिन तरो ताज़ा होंगे |
9. |
अपनी कोशिश (के नतीजे) पर शादमान |
10. |
एक आलीशान बाग़ में |
11. |
वहाँ कोई लग़ो बात सुनेंगे ही नहीं |
12. |
उसमें चश्में जारी होंगें |
13. |
उसमें ऊँचे ऊँचे तख्त बिछे होंगे |
14. |
और (उनके किनारे) गिलास रखे होंगे |
15. |
और गाँव तकिए क़तार की क़तार लगे होंगे |
16. |
और नफ़ीस मसनदे बिछी हुई |
17. |
तो क्या ये लोग ऊँट की तरह ग़ौर नहीं करते कि कैसा अजीब पैदा किया गया है |
18. |
और आसमान की तरफ कि क्या बुलन्द बनाया गया है |
19. |
और पहाड़ों की तरफ़ कि किस तरह खड़े किए गए हैं |
20. |
और ज़मीन की तरफ कि किस तरह बिछायी गयी है |
21. |
तो तुम नसीहत करते रहो तुम तो बस नसीहत करने वाले हो |
22. |
तुम कुछ उन पर दरोग़ा तो हो नहीं |
23. |
हाँ जिसने मुँह फेर लिया और न माना |
24. |
तो ख़ुदा उसको बहुत बड़े अज़ाब की सज़ा देगा |
25. |
बेशक उनको हमारी तरफ़ लौट कर आना है |
26. |
फिर उनका हिसाब हमारे ज़िम्मे है ********* |
© Copy Rights:Zahid Javed Rana, Abid Javed Rana,Lahore, Pakistan |
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