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1. |
आसमान और रात को आने वाले की क़सम |
2. |
और तुमको क्या मालूम रात को आने वाला क्या है |
3. |
(वह) चमकता हुआ तारा है |
4. |
(इस बात की क़सम) कि कोई शख़्श ऐसा नहीं जिस पर निगेहबान मुक़र्रर नहीं |
5. |
तो इन्सान को देखना चाहिए कि वह किस चीज़ से पैदा हुआ हैं |
6. |
वह उछलते हुए पानी (मनी) से पैदा हुआ है |
7. |
जो पीठ और सीने की हड्डियों के बीच में से निकलता है |
8. |
बेशक ख़ुदा उसके दोबारा (पैदा) करने पर ज़रूर कुदरत रखता है |
9. |
जिस दिन दिलों के भेद जाँचे जाएँगे |
10. |
तो (उस दिन) उसका न कुछ ज़ोर चलेगा और न कोई मददगार होगा |
11. |
चक्कर (खाने) वाले आसमान की क़सम |
12. |
और फटने वाली (ज़मीन की क़सम) |
13. |
बेशक ये क़ुरान क़ौले फ़ैसल है |
14. |
और लग़ो नहीं है |
15. |
बेशक ये कुफ्फ़ार अपनी तदबीर कर रहे हैं |
16. |
और मैं अपनी तद्बीर कर रहा हूँ |
17. |
तो काफ़िरों को मोहलत दो बस उनको थोड़ी सी मोहलत दो ********* |
© Copy Rights:Zahid Javed Rana, Abid Javed Rana,Lahore, Pakistan |
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